➤ सुक्खू बोले– दो साल में हिमाचल की तस्वीर और तकदीर बदलेंगे
➤ 10 में से 7 गारंटियां पूरी, बाकी दो साल में पूरी करने का ऐलान
➤ भ्रष्टाचारियों को सलाखों के पीछे भेजने की बात, विपक्ष पर तीखे हमले
प्रदेश कांग्रेस सरकार के तीन साल का कार्यकाल पूरा होने पर मंडी के पड्डल मैदान में आयोजित जन संकल्प सम्मेलन में भारी भीड़ उमड़ी। पूरे प्रदेश से बड़ी संख्या में लोग रैली स्थल पहुंचे और कांग्रेस सरकार के प्रति समर्थन जताया।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू ने कहा कि सरकार ने अपने तीन साल के कार्यकाल में 10 में से 7 गारंटियां पूरी कर दी हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लिया गया है। बाकी बची गारंटियों को आने वाले दो वर्षों में पूरा करने का वादा किया गया।

सुक्खू ने पूर्व भाजपा सरकार पर हमला करते हुए कहा कि 4,500 बीघा जमीन सिर्फ 1.32 करोड़ में दी गई, रजिस्ट्री शुल्क माफ किया गया, और उद्योगपतियों को तीन रुपये प्रति यूनिट बिजली दी गई। शराब ठेकों से पूर्व सरकार ने साढ़े चार साल में 450 करोड़ कमाए, जबकि वर्तमान सरकार ने एक साल में ही उतनी कमाई की।

भ्रष्टाचार पर सख्त रुख अपनाते हुए सुक्खू ने कहा कि राजनीति में जो सच्चे सेवक होते हैं वे न डरते हैं और न घबराते हैं। यदि जनता कांग्रेस सरकार के साथ खड़ी रही, तो आने वाले दो साल में हिमाचल की तस्वीर व तकदीर बदल दी जाएगी और भ्रष्टाचारियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा।
उन्होंने यह भी दावा किया कि 2027 के चुनाव में 52 सीटें जीतकर वोल्वो में विधानसभा आएंगे।
सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में आई आपदा के बाद केंद्र ने केवल 2 हजार करोड़ रुपये पास किए। विपक्ष पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि चुने हुए विधायकों को खरीदने की कोशिश की गई थी, लेकिन जनता के विश्वास से कांग्रेस की संख्या फिर से 40 हो गई।

कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल ने कहा कि हिमाचल और कांग्रेस एक-दूसरे के पूरक हैं। छह गारंटियां पूरी हो चुकी हैं और चिट्टे के खिलाफ सरकार की मुहिम की देशभर में सराहना हो रही है।
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मंडी में आज जन सुनामी आई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हिमाचल को बनाया और नेहरू-गांधी परिवार की बदौलत प्रदेश को पूर्ण राज्यत्व मिला। जो लोग घर बैठे सत्ता का सपना देखते हैं, उनके लिए यह रैली एक संदेश है।
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प्रदेशाध्यक्ष विनय कुमार ने कहा कि मंडी में आई आपदा के बाद सरकार जनता के साथ खड़ी रही।
सरकार की तीन साल की उपलब्धियों पर आधारित कॉफी टेबल बुक का भी विमोचन किया गया।
रैली का शुभारंभ वंदे मातरम के साथ हुआ।

…. बता दें कि प्रदेश कांग्रेस सरकार के तीन साल पूरे होने पर मंडी के पड्डल मैदान में आयोजित विशाल जन संकल्प सम्मेलन ने हिमाचल की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। भीड़ का जोश ठीक था। प्रदेश भर से लोग ट्रकों पहुंचे! ट्रैफिक पुलिस को कई पॉइंट्स पर जाम खोलना पड़ा। रैली स्थल के आसपास सुबह से ही भारी गहमागहमी रही, और मैदान पूरी तरह खचाखच भरा नज़र आया। मंच पर बैठे नेता, भीड़ का शोर, नारे, ढोल और तिरंगे झंडे—पूरा माहौल किसी चुनावी शक्ति प्रदर्शन जैसा दिखा, हालांकि कांग्रेस ने इसे ‘जन संकल्प सम्मेलन’ का नाम दिया…..

सुक्खू का सबसे लंबा और सबसे दमदार भाषण
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू ने करीब एक घंटे का विस्तृत भाषण दिया। उन्होंने शुरुआत से ही सीधे जनता से जुड़ने की कोशिश की और कहा कि सरकार ने 10 में से 7 गारंटियां पूरी कर दी हैं। आने वाले दो वर्षों में बाकी गारंटियों को पूरा करने का वादा दोहराया गया।
सुक्खू ने मंच से राजनीतिक हमला करते हुए कहा:
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“हिमाचल की तस्वीर और तकदीर बदलकर दिखाएंगे।”
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“भ्रष्टाचारियों के खिलाफ अब निर्णायक लड़ाई होगी।”
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“जो लोग जनता का पैसा खाकर बैठे हैं, वे जेल की सलाखों के पीछे जाएंगे।”
उन्होंने पूर्व भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा:
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4,500 बीघा जमीन सिर्फ 1.32 करोड़ में दे दी गई
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बड़े उद्योगपतियों को रजिस्ट्री शुल्क माफ
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बिजली 3 रुपये प्रति यूनिट पर दी गई
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शराब ठेकों से पूर्व सरकार ने साढ़े चार साल में 450 करोड़ कमाए, जबकि मौजूदा सरकार ने एक साल में ही उतनी कमाई
भीड़ लगातार तालियां बजाती रही और सुक्खू ने भीड़ को संबोधित करते हुए कहा:
“2027 में 52 सीटें जीतकर वोल्वो में विधानसभा जाएंगे!”
उन्होंने आपदा राहत पर कहा कि केंद्र ने सिर्फ 2,000 करोड़ मंजूर किए, जबकि नुकसान इससे कई गुना ज्यादा था।
सुक्खू ने दावा किया कि कांग्रेस सरकार ने आपदा प्रभावितों के लिए देश का सबसे बेहतर राहत पैकेज दिया।
रैली का जन-सामाजिक दृश्य — महिलाओं और युवाओं की भारी मौजूदगी
रैली में बड़ी संख्या में महिलाएं और युवा शामिल हुए।
महिलाओं के लिए अलग पंडाल बनाए गए थे।
युवाओं में उत्साह अधिक दिखा, खासकर वे जो पहली बार सरकारी गारंटियों के प्रभाव में आए हैं—जैसे स्टार्टअप योजना, सरकारी परीक्षाओं के नए नियम, और अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का निर्णय।
सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था
रैली स्थल पर 350 से अधिक पुलिस कर्मी तैनात रहे।
पुलिस ने तीन-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू की।
ट्रैफिक पुलिस को मंडी–कुल्लू और मंडी–हमीरपुर मार्गों पर रूट डायवर्ट करने पड़े।
स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि रैली से बाजारों में भारी भीड़ बढ़ी और कारोबार बेहतर रहा।
रजनी पाटिल का तीखा भाषण: “हिमाचल और कांग्रेस एक-दूसरे के पूरक”
कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल ने कहा:
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हिमाचल और कांग्रेस एक-दूसरे के पूरक हैं
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छह गारंटियां पूरी हो चुकी हैं
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चिट्टे के खिलाफ सरकार की मुहिम की देशभर में सराहना
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महिलाओं को 1500 रुपये का वादा निभाया जाएगा
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इंदिरा गांधी का हिमाचल से विशेष लगाव था—उन्होंने ही राज्य को पूर्ण राज्यत्व दिलाया
उन्होंने भाजपा पर तंज किया:
“जो लोग लोकतंत्र को कमजोर कर रहे हैं, वे आज प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे हैं।”
अग्निहोत्री का आक्रामक अंदाज: “साजिश रचने वाले अफसर दिन में निपटेंगे”
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बेहद तीखा भाषण दिया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार पर साजिशें रची जा रही हैं और कुछ अफसर विपक्ष के इशारों पर काम कर रहे हैं।
उन्होंने मंच से साफ कहा:
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“ऐसे अफसरों को दोनों हाथों से निपटाना होगा।”
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“कांग्रेस ने हिमाचल बनाया है। नेहरू-गांधी परिवार की बदौलत राज्य को पहचान मिली।”
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“जो सोचते हैं घर बैठे सत्ता मिल जाएगी, उनके लिए आज की रैली एक चेतावनी है।”
उन्होंने चिट्टे के खिलाफ सरकार की कार्रवाई की जोरदार प्रशंसा की और कहा कि इस मुद्दे पर प्रदेश में ऐतिहासिक एकजुटता दिखी।
विनय कुमार का संदेश: ‘चुने हुए विधायक सुध लेने क्यों नहीं आए?’
प्रदेशाध्यक्ष विनय कुमार ने कहा कि मंडी के लोगों को आपदा का दर्द आज भी है।
उन्होंने मंच से सवाल किया:
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“जिन लोगों को यहां से चुनकर भेजा, वे सुध लेने क्यों नहीं आए?”
विनय ने सुक्खू को “आदर योग्य लोकप्रिय मुख्यमंत्री” बताते हुए कहा कि जनता उनके साथ है और इसलिए यह रैली एक “जन सुनामी” साबित हुई है।
कॉफी टेबल बुक का विमोचन
रैली में सरकार के तीन साल के विकास कार्यों पर आधारित कॉफी टेबल बुक का भी विमोचन किया गया।
इसमें विभिन्न विभागों की उपलब्धियां, विकास योजनाएं और आपदा राहत कार्यों का विस्तृत विवरण शामिल है।
वंदे मातरम से शुरुआत
रैली की शुरुआत वंदे मातरम के साथ हुई।
पूरा मैदान राष्ट्रगान की धुन के बीच खड़ा हो गया—यह दृश्य रैली का सबसे भावनात्मक क्षणों में से एक रहा।




